Hello दोस्तों, आज हम इस कहानी से जानेंगे कि हम सही फैसला कैसे ले सकते हैं। अगर आप जीवन में बहुत ज्यादा कंफ्यूज है कि आपको क्या करना है, कैसे आप जीवन में आगे बढ़ पाएंगे या फिर आप कोई काम कर रहे हैं तो वो सही है या नहीं आपके लिए, चाहे किसी भी तरह की फैसला लेना हो, आपको इस कहानी से जरूर मदद मिलेगा।
तो चलिए शुरू करते हैं –
एक समय की बात है। एक बहुत बड़े राज्य का राजा अपनी तीन बेटों को अपने पास बुलाते हैं।
क्यूंकि राजा बूढ़ा हो चूका था, अब वो चाहता था कि उसकी राजपाट उसी का कोई बेटा संभाले, पर कौन संभालेगा या किसकी योग्यता है राजगद्दी सँभालने की, ये वो नहीं जानता था।
तो उसने सोचा थोड़ा उनसे परीक्षा ली जाये, इसलिए वो अपने पास बुलाते है। और राजा कहते है कि मुझे तुमसे कुछ काम है।
तीनों राजकुमार सोच में पड़ गए कि नाजाने महाराज को आज हमसे क्या काम पड़ गया।
बूढ़ा महाराज कहते हैं मैं तुम तीनो को एक काम देता हूँ, उस काम को ईमानदारी से करना होगा और जैसे ही राजा ने बोलना शुरू किया सब चुप हो गए।
राजा ने अपने बेटों से पूछा कि अगर आप तीनों को किसी अपराधी को सजा देने को कहा जाये तो तुम क्या करोगे ?
तभी एक राजकुमार ने कहा – मैं उसे बड़ी से बड़ी सजा दूंगा, ताकि फिर कोई वो काम ना करे।
दूसरा राजकुमार कहता है – मैं उसे प्राणदंड दे दूंगा, ताकि अगली बार वो काम करने से पहले भी लोग डर जाये।
अब तीसरा बेटा यानी तीसरा राजकुमार उन दोनों राजकुमारों से थोड़ा ज्यादा समझदार था, वो कहता है – अगर महाराज कि अनुमति हो तो मैं इसका जवाब देने से पहले एक कहानी सुनाना चाहूंगा।
राजा ने कहा सुनाओ।
राजकुमार ने कहानी शुरू करि –
“एक बहुत ही अमीर राजा था, उसके पास एक तोता था। वो उसको बहुत प्यार से रखता, उसका बड़ा ध्यान रखता।
एक दिन उस तोते ने राजा से कहा कि वो अपनी माँ से मिलना चाहता है।
राजा ने उनसे कहा तुम जाओ, लेकिन ज्यादा दिन नहीं रुकना और जल्दी लौट आना।
तोता चला गया, और अपनी माँ से जाकर मिलता है, कुछ दिन अपनी माँ के पास रहा, उसका ध्यान रखा।
अब वो तोता जब वापस आ रहा था, तो रास्ते में उसे एक आम का पेड़ दीखता है।
उसने कई लोगो से ये बातें सुन रखी थी कि उस पेड़ का फल खाने से कोई भी अमर हो जाता है। तो फल वो राजा के लिए लेकर आने लगा।
रास्ता बहुत लम्बा था, इसलिए रास्ते में ही एक पेड़ में तोता थोड़ी देर के लिए सो जाता है और वो उस पेड़ के नीचे फल को रख देता है, लेकिन उस आम को एक सांप ने थोड़ा खा लिया।
अब वो आम तो जहरीला हो गया, सुबह हुआ तो वो तोता उठता है और वो फल ले जाकर राजा को देता है।
राजा ने उस आम को अपनी पालतू कुत्ते को थोड़ा सा खिला दिया और वो उसी वक़्त मर गया।
ये देखकर राजा बहुत गुस्सा हो जाता है और सजा के नाम पड़ उस तोते को मरवा देता है और उस आम दूर फिकवा देता है।
धीरे धीरे उस जगह पर एक आम का पेड़ उग आया, राजा ने अपने राज्य में घोषणा करवा दी, कि कोई भी उस पेड़ का फल नहीं खायेगा, वो पेड़ जहरीला है।
अब एक दिन उसी रास्ते से एक महिला गुजर रही थी, उसे ये सब बातों कि जानकारी नहीं थी, दोपहर के वक़्त था तो उसे भूख भी लग रही थी और उसने वो फल खा लिया।
अब धीरे धीरे बात फैलती गयी कि उसकी उम्र कम होती जा रही है, वो वापस से जवान होती जा रही है।
ये बात राजा को पता चलती है, अब राजा को पता चला कि उसने क्या गलती करि थी। वो अपने किये पड़ रोने लगा। वो रोने लगा कि उसने सच जानने कि कोशिश तक नहीं की। उसने तोते से सच पूछने कि कोशिश क्यूँ नहीं की ! सीधा सजा क्यूँ सुना दी !”
अब वो राजकुमार महाराज को कहता है कि मैं यही करना चाहता हूँ। मैं नहीं चाहता कि बिना सच जाने मैं किसी को सजा दे दूँ। मैं नहीं चाहता कि कोई भी अगर आके कह दे कि सामने वाला गुन्हेगार है तो मैं सजा सुना दूँ।
वो राजकुमार फिर से कहते है – इसलिए मैं पहले सब कुछ जानने कि कोशिश करूँगा, सच पता करने कि कोशिश करूँगा और फिर सजा देना है या नहीं देना है ये तय करूँगा। इसी से मैं सही फैसला कर पाउँगा और किसी बेगुनाह के साथ गलत नहीं करूँगा।
ये सब सुनकर राजा बहुत खुश हो जाते हैं और अब आप समझ ही गए कि वो राजा कि राजगद्दी किसको मिलती है।
सीख – हमें कोई भी काम, कोई भी फैसला जल्दबाजी या हड़बड़ी में नहीं लेना चाहिए। कोई भी बात बोलने से पहले, कोई भी decision लेने से पहले पूरी situation को समझने की कोशिश करनी चाहिए और फिर कुछ decisions लेना चाहिए। इससे आप गलत बात बोलने से बचेंगे, गलत फैसले लेने से बचेंगे, क्यूंकि ज्यादातर टाइम में जल्दबाजी में लिए गए फैसले ही हमें नुकसान पहुंचाते हैं। हर decision लेने से पहले सही सवाल करो और उसकी सच्चाई ढूंढो।