एक बार कि बात है एक गुरु अपने सभी शिष्यों के साथ नदी किनारे नहाने के लिए गए। सुबह सुबह का वक़्त था, गुरूजी नदी के किनारे पर जा कर के बैठ गए।
अब गुरूजी को बैठा देख सभी शिष्यों को लगा की उन्हें भी अपने गुरु के अनुसार कुछ देर के लिए बैठ जाना चाहिए।
गुरूजी बस निरंतर नदी को ही देखते रहे और सभी शिष्य ये देख कर थोड़े से हैरान और परेशान होने लगे।
सुबह से शाम हो गयी पर गुरूजी नदी में उतरे ही नहीं, बस नदी को देखे जा रहे थे। सभी शिष्य इस दृश्य को देख कर बड़े व्याकुल हो गए।
पर गुरु जी के सामने कौन बोले ? ये सोचकर सभी चुप बैठे रहे। लेकिन एक शिष्य के सब्र का बाँध टूट गया। उसने बड़े ही प्रेम से गुरू जी से पूछ ही लिया – “गुरू जी हम नदी कब उतरेंगे ? आप किसका इंतजार कर रहे हैं ?”
तब गुरु जी ने उसकी ओर देखा और कहा – “जब इस नदी का बहाव बंद हो जायेगा, तब हम इस नदी में उतरेंगे।”
सभी शिष्य उनका ये जवाब सुन कर हैरान रह गए। वो एक दूसरे को देखने लगे। बात उनकी समझ में नहीं आ रही थी।
फिर एक और शिष्य ने गुरु जी अपनी शंका व्यक्त करते हुए कहा – “पर गुरूजी ऐसा तो कभी हो ही नहीं सकता, ये नदी है, इसका बहाव बंद कैसे हो सकता हैं ? ये नामुमकिन है।”
फिर गुरु जी थोड़ा मुस्कुराए और बोले – “यही है आज की शिक्षा, ये जिंदगी बिलकुल इस बहती हुई नदी के जैसी है, है तो सीक्रेट, जो कभी किसी के लिए नहीं रूकती, निरंतर बहती रहती है और आगे बढ़ती रहती है, अब मर्जी तुम्हारी है कि तुम नदी के आगे बढ़ते हो या फिर एक ही जगह पर, डर कर, हार कर, घबरा कर बैठे रहते हो। इस नदी की बहती हुई लहरें, बदलते हुए वक़्त की तरह है और वक़्त चाहे जैसा भी हो अच्छा या बुरा, बदलता जरूर है। अगर कभी तुम्हारा वक़्त बुरा हो, तो हौंसला रखना और चाहे कुछ भी हो जाये, किसी भी परिस्थिति में हिम्मत मत हारना, जिंदगी की इस नदी में आगे बढ़ते रहना, क्यूंकि वक़्त बदलने में देर नहीं लगती। बुरा वक़्त सिर्फ तुम्हारी ही जिंदगी में नहीं बल्कि सभी की जिंदगी में आता है फ़र्क़ सिर्फ इतना है की कोई बिखर जाता है तो कोई निखर जाता है। जिसकी सोच सकारात्मक है और जिसमें सीखने का जज़्बा है वो बुरे से बुरे वक़्त में भी अच्छाई को देखता है। ठीक वैसे ही जैसे कोई रात के अँधेरे में चमकते हुए तारों को देखता है। सुख और दुःख इस जिंदगी रुपी नदी की लहरें हैं, जो हर पल बनती रहती हैं और मिटती रहती हैं, लेकिन तुम एक लहर नहीं हो, तुम इस नदी के जल की तरह हो जो हर हाल में बहता ही रहता है और बिना थके, बिना रुके आगे बढ़ता रहता है। तो अगर कभी तुम्हारी जिंदगी में बुरा वक़्त आये तो घबराना मत, बस एक बात याद रखना कि ये हमेशा रहने वाला नहीं है क्यूंकि बुरे वक़्त का भी बुरा वक़्त आता है।”
Superb. Very interesting.
Thank you very much.
Bahut hi achhi story h
Thank you so much
You’re most welcome Sahani.