एक University में एक class चल रहा था। उस Class में लगभग 40 Students बैठे थे। अचानक एक Student खड़ा हुआ और उसने बहुत घबराते हुए Professor से कहा – “Sir, मेरे पिताजी ने मेरे इस Birthday पर मुझे बहुत कीमती घड़ी gift में दी थी, sir वो घड़ी अभी किसी ने चुरा ली”
तो Professor ने असरज होकर कहा – “अभी कैसे चुरा लेगा !”
उस Student ने कहाँ – “Sir, अभी जो 5 मिनट का ब्रेक हुआ, उसमें मैं अपनी घड़ी अपने टेबल पर रख के गया था और उसके बाद से वो घडी नहीं मिल रही है”
Professor ने कहा – “उसके बाद कोई भी इस class से गया और आया नहीं है, इसका मतलब जिसने भी घड़ी उठाई है, वो इसी class में हैं !”
Professor के मन में विचार आया की इन लोगों को एक दूसरे के बारे में पता नहीं लगना चाहिए किसने घड़ी चोरी की !
और प्रोफेसर ने कहा – “सब लोग अपनी आँखों में काली पट्टी बांध लो।”
और सबने काली पत्तिया बांध ली और line से खड़े हो गए।
प्रोफेसर ने सभी Students को एक एक करके pocket में check करना शुरू कर दिया और एक लड़के की pocket में घड़ी मिल गयी।
प्रोफेसर ने चुपचाप घड़ी निकाली और घड़ी निकालके जो घडी का मालिक था, मुस्कुराते हुए उसके हाथ में दे दी।
उसके बाद class normal चलने लगी, किसी को नहीं पता चला।
अगले दो-तीन दिन तक वो लड़का घबराता रहा, भयभीत रहा। उसको डर था मेरी बात आज खुल जाएगी, मेरा राज आज खुल जायेगा, लेकिन किसी को पता नहीं चला।
धीरे धीरे वो सब कॉलेज से निकल गए।
बहुत साल बाद अब वो लड़का जिसने चोरी की थी, वो अब एक बड़ा Industrialist बन सुका था।
College का Reunion का function था।
वो लड़का उस function में आता है, वो अब एक celebrity सा है और उसने अपने प्रोफेसर पास जाके उसके पैर छुए।
और प्रोफेसर से कहा – “Sir, मैं आज आपसे एक बात कहना चाहता हूँ !”
प्रोफेसर ने कहा – “बोलो”
उसने कहा – “Sir, मेरे जीवन पे आपका बहुत बड़ा कर्ज है, यदि आज मैं जिन्दा हूँ तो आपके कारण हूँ!”
प्रोफेसर ने कहा – “ऐसा क्यों ?”
उसने कहा – “Sir, आपको याद नहीं होगा, एक बार आपकी class में एक घड़ी चोरी हुई थी, और आपने सबकी जेब check किये थे और मेरी जेब से वो घड़ी मिली थी। लेकिन Sir, आपने ये बात किसी से नहीं की थी। मैंने निर्णय लिया था, यदि उस दिन ये बात सबको पता लगी तो मैं suicide कर लूंगा। Sir, आपने मुझे माफ़ कर दिया, उस दिन आपने मेरी इज्जत रख ली, उस दिन आपने मेरी self respect रख ली। मुझसे गलती हो गयी थी sir, लेकिन फिर भी आपने मेरा अपमान नहीं किया। आज मैं जहाँ भी हूँ Sir, उस लेसन की वजह से हूँ। मैं यदि जिन्दा हूँ Sir, तो आपकी वजह से हूँ !”
और प्रोफेसर कहता है – “अच्छा वो तुम थे क्या ?”
तो लड़के ने असरज से कहा – “Sir, मतलब !”
प्रोफेसर ने कहा – “उस दिन मैंने जब तुम सबकी आँखे तो बंद कराई थी, लेकिन साथ साथ मैंने अपनी आँखों पर भी पट्टी लगाई थी, ताकि मुझे भी नहीं पता चले मेरे कौनसे Student ने ये काम किया हैं। मैं नहीं चाहता था की मेरे अपने किसी student की value मेरी नजरों में हलकी हो, या मैं किसी के साथ दुर्व्यवहार करूँ।”
ये सुनते ही वो लड़का जो अब एक नामी Industrialist था उसके आँखों में आँसू आगया और वो प्रोफेसर के गले लगके 2 मिनट तक रोटा रहा।
यही तो अद्भुत महानता है –
किसी की गलती पता चलते हुए भी Ignore/माफ़ कर देना।
उसको उसकी Self-Respect बचाने का मौका देना।
पता होते हुए भी कि ये अपराधी है, उसे जाने देना ताकि उसे सुधरने का मौका मिले।
आज की इस युग में जहाँ हर व्यक्ति किसी न किसी की गलती ढूंढ रहा है।
परिवार में –
माँ-बाप की गलती
भाई की गलती
जीवन साथी की गलती
Office में –
Boss की गलती
Employee की गलती
Colleagues की गलती
सामान्य रूप में –
देश की गलती
समाज की गलती
राजनीति की गलती
सरकार की गलती
ऐसे सबकी गलती ढूंढ रहे हैं, ऐसे में क्या हमको ऐसे लोग नहीं चाहिए जो एक दूसरे को माफ़ कर सके।
“माफ़ करना और माफ़ी मांगना ये कायर नहीं है, ये शक्तिशाली लोगों का काम है”
दोस्तों ये कहानी अद्भुत नहीं है तो और क्या है कि एक Professor, जो ये नहीं चाहता की उसका Students उसकी नज़रों से गिरे, जो ये नहीं चाहता की उनका Students किसी और के भी नजरों से गिरे।
क्या ऐसे लोगों को समाज में जरुरत नहीं है। जहाँ पर हम लोगों की गलतियां होने के बावजूद उनको इंसान मानके, उनको मिट्टी का पुतला मानके उनको माफ़ कर सके।
हमारे भाई से गलती हुई, हमारे पार्टनर से गलती हुई, हमारे किसी और फॅमिली मेंबर से गलती हुई, relatives से गलती हुई colleagues से गलती हुई, समाज के किसी भी लोगों से गलती हुई, एक-दो बार माफ़ कर दो, जाने दो ना उनको उनकी self-respect के साथ।
“गलतियां ढूँढना महानता नहीं है, गलतियों को नजरअंदाज करना और सामने वाले को अपना सम्मान बचाने का मौका देना महानता है।”
यदि आप भी हर दिन ये गलती करते हैं, अपने आसपास के लोगों का दोष ढूंढते हैं, थोड़ा ignore करके जाने तो दीजिये, शायद ये असली महानता हो, और कल जिनको आपने माफ़ किया है, वो असलियत में दिल की गहराई से आपके ऋणी हो।