एक बार स्वामी विवेकानंद को नदी पार करना था और वो नदी के पास में खड़े थे। तभी एक साधु ने आकर उनसे पूछा कि क्या आप ही स्वामी विवेकानंद हो? तब स्वामी जी ने जवाब दिया की मैं ही स्वामी विवेकानंद हूँ?
तभी उस साधु ने पूछा की स्वामी जी आप यहाँ पर क्या कर रहे हो?
स्वामी जी ने कहा की मुझे नदी पार करना है और मैं नाव का इंतजार कर रहा हूँ।
तभी साधु ने घमंड में कहा तुम इतने बड़े इंसान हो, कई सारे लोग तुम्हें अपनी प्रेरणा का स्त्रोत मानते हैं और तुम एक नदी पार नहीं कर सकते ? देखो मैं तुम्हें नदी पार करके बताता हूँ।
तभी उस साधु ने पानी पर चल कर उस नदी को पार किया और फिर से पानी पर चल करके स्वामी जी के पास लौट कर आये,
और स्वामी जी को बोलने लगे की देखो मेरे पास इतनी शक्ति हैं, मेरे पास इतना टैलेंट है, मेरे पास इतना ज्ञान है उसके बावजूद भी मुझे कोई नहीं जानता और तुम्हारे पास कोई ज्ञान नहीं, कोई शक्तियां नहीं, उसके बावजूद भी तुम्हें सब जानते हैं।
तभी स्वामी जी मुस्कुराये और साधु से पूछा कि तुम्हें ये विद्या सिखने में कितना टाइम लगा ?
साधु ने कहा की 15 साल।
इतने में स्वामी जी नाव आ गयी और स्वामी जी ने साधु को नाव में बैठाया और वहां से चल दिए, दोनों ने नाव में बैठ कर नदी पार की।
और नदी पार करने के बाद स्वामी जी ने अपनी जेब से एक रूपए बाहर निकाला और उस नाव वाले को दे दिया। यानी की दोनों के मिलाके 50-50 पैसे यानी एक रूपए उन्हें दे दिया।
तभी स्वामी जी ने साधु से कहा की जो काम तुम 50 पैसे में कर सकते थे उसके लिए तुम अपनी जिंदगी के बहुत कीमती 15 साल बर्बाद कर दिए, और अगर यही 15 साल तुम अगर समाज के भलाई के लिए लगाते तो आज तुम्हें भी पूरी दुनिया जानती। और मैंने यही किया। इसलिए आज मुझे पूरी दुनिया जानती है और तुम्हें कोई नहीं जानता।
और स्वामी जी ने फिर से उस साधु से कहा की तुम्हारी तरह ही कई सारे लोग इसी तरह से अपने दिन, हफ्ते, महीने और साल लगा देते हैं, जिनका उनकी जिंदगी में कोई मतलब नहीं निकलता।
इसलिए दोस्तों आप अपनी टाइम को ऐसी जगह पर लगाओ जहाँ पर उसका एक्चुअल में कोई मतलब निकले।
क्यूंकि टाइम से बढ़ कर इस दुनिया में कोई भी इम्पोर्टेन्ट चीज नहीं है, अगर समय बर्बाद तो जिंदगी भी बर्बाद।
आपने अक्सर ज्यादातर लोगो को कहते सुना होगा काश समय रहते ही हमने उस काम को कर लिया होता तो आज हम वो बन जाते या काश अगर उस टाइम हम अपने कितनी वक़्त को बर्बाद नहीं किया होता घूम फिरके, पार्टी करके तो आज हम जिंदगी में कुछ कर लेते etc.