The Power of Moments Book Summary in Hindi – टीचर, स्टूडेंट्स और बिजनेसमैन जरूर पढ़ें

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The Power of Moments Book Summary in Hindi – टीचर, स्टूडेंट्स और बिजनेसमैन को ये जरूर पढ़ना चाहिए

 

Hello दोस्तों, द पावर आफ मोमेंट्स (The Power of Moments) बुक समरी में हम देखेंगे कि क्यों हमें कुछ बातें याद रह जाती हैं और क्यों हम कुछ बातों को भूल जाते हैं। यह किताब हमें बताती है कि किस तरह से हम अपने दोस्तों, कर्मचारियों या ग्राहकों की जिन्दगी में कुछ ऐसे पल बना सकते हैं जिसे वे जिन्दगी भर याद रखेंगे।

 

 

यह किसके लिए है –


-वे जो एक टीचर हैं और अपने स्टूडेंट्स को अच्छे से पढ़ाना चाहते हैं।
-वे जो एक बिजनेसमैन हैं और अपने ग्राहकों के दिमाग में अपने
लिए जगह बनाना चाहते हैं।
-वे जो यह जानना चाहते हैं कि क्यों हमें कुछ बातें याद रह जाती।

 

लेखक चिप हीथ (Chip Heath) स्टैंफॅार्ड ग्रैजुएट स्कूल आफ बिजनेस में एक प्रोफेसर हैं। वे लोगों को बिजनेस स्ट्रैटेजी के बारे में पढ़ाते हैं। वे न्यूयॉर्क टाइम्स के बेस्ट सेलिंग लेखक हैं।

 

डैन हीथ (Dan Heath) चिप हीथ के भाई हैं और वे भी एक बेस्ट सेलिंग लेखक हैं। वे ड्यूक यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं और एक स्पीकर हैं। अपने भाई चिप के साथ उन्होंने चार किताबें लिखी हैं, जिसमें मेड टू स्टिक, डिसिजिव और द पावर आफ मोमेंट्स शामिल हैं।

यह किताब आपको क्यों पढ़नी चाहिए ?

आज के वक्त हमें हमारे आस पास इतनी जानकारी है कि हम हर चीज पर ध्यान नहीं दे पाते। दिन के अंत में जब हम यह सोच रहे होते हैं कि आज का दिन हमने कैसे बिताया, तो हम ज्यादातर बातें भूल चुके होते हैं। स्कूल से लौटने पर अगर आप एक बच्चे से पूछे कि उसने क्या सीखा तो वो अक्सर कहता है – कुछ खास नहीं ऐसे हालात में अगर आप चाहते हैं कि आप किसी व्यक्ति को कोई बात बताएं और उसे वो याद रहे तो यह किताब आपके लिए है। अब चाहे आप एक टीचर हैं जो अपने बच्चों को अच्छे से पढ़ाना चाहते हैं या फिर एक बिजनेसमैन जो अपने ग्राहकों के दिमाग में बने रहना चाहते हैं, यह किताब हर किसी के लिए कुछ ऐसे तरीके बताती है जिसका इस्तेमाल कर के आप अपने लोगों को वो यादें दे सकते हैं जो उन्हें जिन्दगी भर याद रहें।

इस बुक को पढ़कर आप क्या सीखेंगे ?

-किस तरह से आप लोगों के दिमाग में अपने लिए जगह
बना सकते हैं।
-किन वजहों से एक व्यक्ति को कुछ बातें याद रहती हैं।
-चीजें याद रखने से किस तरह से आप खुद को मोटिवेटेट
रख सकते हैं।

सीखने को मजेदार बनाने के लिए एक टीचर को अपने क्लास का माहौल बदलना होगा।

 सूसन बेडफोर्ड एक इंग्लिश की टीचर थीं और ग्रेग जोराइल्स सोशल स्टडीज़ के टीचर थे। वे हाई स्कूल के बच्चों को एक मजेदार तरीके से पढ़ाना चाहते थे जिससे
उनके स्टूडेंट्स को सब कुछ याद रहे। ऐसा करने के लिए उन्होंने अपने क्लास का और पढ़ने का तरीका बदल दिया। वे जानते थे कि बच्चों को स्पोर्ट्स और स्कूल के खेल पसंद हैं। वे जानते थे कि यह सारी चीजें उन्हें लम्बे समय तक याद रहती हैं, लेकिन क्लास में पढ़ाई गई चीज़ वे शाम तक भूल जाते हैं। इसलिए उन्होंने विलियम गोल्डिंग्स की लिखी गयी नावेल लार्ड आफ द फ्लाइज़ को पढ़ाने के लिए बच्चों को ही वकील बना दिया। उन्होंने उन्हें एक नाटक करने को दिया जिसमें वे विलियम गोल्डिंग्स को कट घरे में खड़ा कर के इसपर बहस करते कि उन्होंने उस नावेल में इंसानों को जिस तरह से दिखाया है वो सही है या नहीं। इस नाटक को करने के लिए उन्होंने बच्चों को दो ग्रुप्स में बाँट दिया जिसमें से एक ग्रुप विलियम गोल्डिंग्स को सही साबित करने की कोशिश करता और दूसरा उन्हें गलत साबित करने की।
 यह नाटक उन्होंने अपने पैरेंट्स, टीचर्स और स्कूल के दूसरे स्टाफ के सामने किया और इसे करने के लिए उन्हें वह पूरी नावेल अच्छे से पढ़कर तैयारी करनी पड़ी। इस तरह से उन्होंने अपने स्टूडेंट्स को कानूनी तरीकों के बारे में और लिट्रेचर के बारे में बहुत अच्छे से पढ़ाया और यह सारी बातें उनके स्टूडेंट्स को काफी समय तक याद भी रही। उनका यह नाटक लोगों को इतना पसंद आया कि स्कूल ने इसे एनुअल इंवेंट में शामिल कर दिया। इस तरह से हर किसी को वो नाटक और उसमें छिपी हुई सारी जानकारी मिल गई।

अपने बिजनेस में कुछ अलग काम कर के आप लोगों के दिमाग में हमेशा के लिए बस सकते हैं।

 हर बिजनेस का अपना एक स्क्रिप्ट होता है। अगर आप इस स्क्रिप्ट को कुछ इस तरह का बना दें कि आपके ग्राहक इससे चौंक जाएं, तो आप उन्हें हमेशा के लिए याद रह सकते हैं।
 एक्जाम्पल के लिए एक रेस्तरां में एक ग्राहक को अगर उसका खाना ठंडा मिले, तो यहाँ पर हर किसी की स्क्रिप्ट होती है ग्राहक से माफी माँगना, उससे वादा करना कि ऐसा फिर से कभी नहीं होगा और ग्राहक बदले में वेटर को टिप नहीं देता था। लेकिन अगर यहां पर स्क्रिप्ट को बदल दिया जाए, अगर खाना ठंडा मिलने पर रेस्तरां ना सिर्फ माँफी माँगे बल्कि ग्राहक को गर्म खाना फ्री में लाकर दे दे, तो ग्राहक इससे बहुत खुश हो सकता है। साथ ही उसके वापस आने की संभावना भी बढ़ जाएगी।
इस तरीके का इस्तेमाल हर बिजनेस में किया जा सकता है।
 एक्ज़ाम्पल के लिए, एक बार एक परिवार रिट्ज़ कार्लटन होटल में रुका था लेकिन जाते वक्त उनके बच्चे का छोटा सा जिराफ का खिलौने वहीं पर छूट गया। बाद में परिवार ने होटल को फोन लगाया और कहा कि वे उस जिराफ को उनके घर तक ले आएं और हो सके तो उनकी संतुष्टि के लिए उसकी एक फोटो अभी भेज दें। इसके बाद कार्लटन होटल वालों ने जिराफ की बहुत सी मजेदार फोटो भेजी जहां पर वो जिराफ स्विमिंग पूल के बगल में बैठा था, फिर वो एक स्पा ट्रीटमेंट करवा रहा था और फिर वो एक तोते के साथ बैठा हुआ था। इस तरह से उस होटल ने अपने ग्राहकों को इतने अलग तरीके से खुश किया कि उसके ग्राहक वापस लौट कर उनके पास आने लगे। तो इस तरह से आप भी अपने बिजनेस में अपने ग्राहकों के लिए कुछ ऐसा कर सकते हैं जिससे आप उन्हें हमेशा के लिए याद रह जाएं।

याद रखने वाली चीजों की मदद से आप लोगों की गंदी आदतों को बदल सकते हैं।

 बहुत से लोगों को खाना खाने से पहले हाथ ना धोने की आदत होती है। खास तौर पर जब वे घर से बाहर कहीं खाना खा रहे होते हैं तो वे अक्सर हाथ नहीं धोते। लेकिन जब प्यूरेल इंस्टैंट हैंड सैनिटाइज़र ने अपना हाथ साफ करने वाला जर्म जेल लाँच किया, तो इसके बाद बहुत से लोगों ने ना सिर्फ खाना खाने से पहले धोने की आदत डाली बल्कि उन्हें यह प्रोडक्ट इस्तेमाल करने की आदत पड़ गई। अलीना प्यूरेल इंस्टैंट हैंड सैनिटाइज़र ने अपने ऐड में दिखाया कि 2003 के एक सर्वे में यह बात सामने आई कि बहुत से लोग एयरपोर्ट के बाथरूम को इस्तेमाल करने के बाद अपने हाथ नहीं धोते हैं।
 न्यूयॉर्क एयरपोर्ट के बाथरूम को इस्तेमाल करने वाले 30% लोग, मियामी एयरपोर्ट के 19% लोग और शिकागो के 27% लोग अपना हाथ नहीं धोते। एक फोन सर्वे में यह बात सामने आई कि सिर्फ 58% लोगों ने कहा कि वे छींकने या खांसने के बाद अपना हाथ धोते हैं और सिर्फ 77% लोगों ने कहा कि वे डाइपर बदलने के बाद अपना हाथ धोते हैं।
 1972 की एक स्टडी में यह पाया गया कि 13% सिक्कों में और 42% नोट में बाथरूम के बैक्टीरिया और स्टेफिलोकोकस नाम के बैक्टीरिया पाए जाते हैं। इस ऐड को देखने के बाद बहुत से लोगों को लगा कि वे कितनी गंदगी के साथ रह रहे हैं। इसके बाद उन में से बहुत से लोगों ने ना सिर्फ समय समय पर हाथ धोने की आदत डाली बल्कि वे प्यूरेल इंस्टैंट हैंड सैनिटाइज़र को अपने साथ लेकर घूमने लगे। इस तरह से उन्होंने लोगों के दिमाग में एक याद रहने वाली बात डाली जिससे लोगों के बर्ताव बदल गए।

जरूरी नहीं है कि अपने सपनों के पीछे भागने से आपको कामयाबी मिले, लेकिन इससे आपको कुछ यादगार लम्हें जरूर मिल जाएंगे।

 जिन्दगी में किसी भी चीज की गैरेंटी नहीं है। इसलिए यह जरुरी नहीं है कि आप जो काम करना चाहते हैं उसमें आपको कामयाबी ही मिले। लेकिन अगर कामयाबी नहीं भी मिलती है, तो भी आपको जिन्दगी भर के लिए एक अनुभव मिल जाएगा। एक्जाम्पल के लिए ली चैडवेल को ले लीजिए जो कि खुद की एक बेकरी खोलना चाहती थीं। वे एक जानवरों के डाक्टर की असिस्टेंट थीं और कुछ हफ्तों से पोर्टलैंड ओरेगन की एक बेकरी पर बेकिंग कर रही थीं। उन्हें यह काम बहुत अच्छा लगा और उन्होंने सोचा कि वे खुद की बेकरी खोलेंगी।
 इसके बाद उन्होंने अपनी बेकरी खोली जिसका नाम था अ पाउंड आफ बटर। यहाँ पर वे लोगों के जन्मदिन के लिए केक बनाया करती थीं। शुरुआत बहुत अच्छी हुई लेकिन उसके बाद के 18 महीने उनके लिए बहुत मुश्किल हुए। उन्हें पता लगा कि एक जगह का मालिक होने में कई खराब बातें होती हैं और इसके बाद उन्हें यह एहसास हुआ कि उनकी पर्सनैलिटी के हिसाब से वे एक बहुत अच्छी कर्मचारी बन सकती हैं, लेकिन एक बॉस नहीं। इसलिए उन्होंने उस बेकरी को बंद कर दिया। लेकिन उन्होंने इससे बहुत कुछ सीखा और उन्हें इससे पता लगा कि असल में वे कौन हैं और उनकी पर्सनैलिटी के हिसाब से उन्हें किस तरह का काम सूट करेगा। इस तरह से अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश में उन्हें जिन्दगी भर की एक याद और सीख मिल गई।

लोगों की तारीफ कर के आप उन्हें कुछ यादगार पल दे सकते हैं।

 जब कोई हमारे काम के लिए हमारी तारीफ करता है तो हमें बहुत अच्छा लगता है। जब हमारे काम के लिए हमें ईनाम दिया जाता है या फिर उसके लिए सबके सामने हमारी तारीफ की जाती है, तो वो हमें जिन्दगी भर याद रहता है। स्कूल में अगर कभी आपको ईनाम मिला हो तो आपको वो जरूर याद होगा। 1983 में कीरा स्लूप नाम की एक 13 साल की लड़की थी जिसे गाना गाने का बहुत शौक था। लेकिन उसका हेयरस्टाइल बहुत खराब था, उसके दाँत भी सही आकार में नहीं थे और वो बदसूरत दिखती थी, जिसकी वजह से दूसरे बच्चे उसे चिढ़ाते थे। एक बार उसकी नई म्यूजिक टीचर ने उसे जब गाते हुए सुना, तो उसने कहा कि उसकी आवाज
बहुत भद्दी है। इससे कीरा को बहुत धक्का लगा और उसने गाना छोड़ दिया।
 इसके बाद से वो गाने के नाम पर सबके बीच खड़ी होकर सिर्फ अपने होठ हिलाती थी। लेकिन बाद में कीरा के समर कैंप में एक दूसरे म्यूजिक टीचर ने जब देखा कि कीरा गाने के नाम पर सिर्फ होठ हिला रही है, तो उसने कीरा को सबके सामने बुलाया और उसे गाने के लिए मनाया। इस बाद जब कीरा ने गाया तो उसकी टीचर ने कहा कि उसकी आवाज तो बहुत अच्छी है। फिर वे दोनों साथ मिलकर बहुत समय तक प्रैक्टिस की। उस टीचर ने कीरा को यह एहसास दिलाया कि उसके पास एक सच्चा हुनर है। इससे कीरा का आत्म विश्वास बढ़ा और प्रैक्टिस करने से वो बहुत अच्छा गाने भी लगी। बाद में वो कार्नेजी हाल में गाने के लिए गई जहाँ पर उसका गाना सभी को पसंद आया। इस तरह से कीरा को उसके काम के लिए तारीफ मिली और साथ में एक ऐसा एहसास मिला जो वो जिन्दगी भर याद रखेगी।
 अगर आप चाहते हैं कि कोई व्यक्ति आपको जिन्दगी भर याद रखे, तो आप उसकी तारीफ कीजिए। एक रीसर्च में यह बात सामने आई कि कर्मचारियों में काम से लगाव बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका है उनके काम की तारीफ करना। लेकिन ऐसा बहुत जगहों पर नहीं होता है। अगर आप एक कर्मचारी हैं, तो भी आप अपने साथ काम करने वालों की तारीफ कर के उन्हें मोटिवेट कर सकते हैं।

यादगार अनुभव आपकी जिन्दगी में आपको मोटिवेट करने का काम कर सकते हैं।

 बहुत बार ऐसा होता है कि हमसे कोई कहता है कि हम अपनी जिन्दगी में कुछ नहीं कर पाएंगे। यह बात हम बहुत लम्बे समय तक याद रखते हैं और यह लाइन मुश्किल वक्त में हमें प्रेरणा देने का काम करती है। इसी तरह से कुछ खास तरह की यादें या बातें मुश्किल वक्त में हमें हौसला देती हैं।
एक्ज़ाम्पल के लिए जोश क्लार्क को ले लीजिए जिनका 25 साल की उम्र में ब्रेक अप हो गया था। इसके गम सेउभरने के लिए उन्होंने रोज सुबह जागिंग करने की आदत डाल ली। इससे उनका दर्द काफी हद तक कम हुआ और साथ ही वे दूसरे लोगों को भी जागिंग करने के लिए मोटिवेट करने लगे। उन्होंने लोगों को मोटिवेट करने के लिए एक प्लान बनाया जिसमें वे लोगों को 5 किलोमीटर तक दौड़ने का चैलेंज दिया करते थे। वे शुरुआत करते थे लोगों को 5 किलोमीटर तक चलाने से।
 इसके बाद वे धीरे-धीरे उन्हें दौड़ने की सलाह देने लगे। इसके बाद वे लोगों को 5 किलोमीटर की एक रेस में भाग लेने के लिए कहते थे जिसमें जीतने पर उन्हें पार्टी दी जाती थी। इस तरह से उन्होंने एक दर्द भरी याद से प्रेरणा ली और ना सिर्फ खुद एक अच्छी आदत डाली, बल्कि अपने साथ-साथ बहुत से दूसरे लोगों की भी जिन्दगी बदली। ठीक इसी तरह से अगर आपको भी कुछ सीखना है, तो आप थोड़े से शुरुआत कीजिए। इसके बाद धीरे धीरे आगे बढ़कर अपनी मंजिल को हासिल करने की कोशिश कीजिए।

अच्छे लम्हों का इस्तेमाल कर के आप अपने कर्मचारियों से बेहतर तरीके से काम करवा सकते हैं।

 एक बिजनेस यह कभी नहीं चाहेगा कि उसके ग्राहकों को उसके साथ काम करने पर एक बुरा अनुभव मिले। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आप अपने कर्मचारियों को बेहतर तरीके से काम करने के लिए प्रेरित करते रहें, ताकि वे आपके ग्राहकों को खुश रख सकें। 1998 में सोनिया झेड्स एक अस्पताल में अपने पिता को देखने के लिए गई जहाँ पर उनके गैस्ट्रिक अल्सर का इलाज चल रहा था। वहाँ पर उन्होंने देखा कि उनके पिता पर अस्पताल के कर्मचारी ध्यान ही नहीं दे रहे हैं। इससे भी ज्यादा तकलीफ उन्हें यह जान कर हुई कि वो जिस कंपनी के लिए काम करती हैं, वही कंपनी इस अस्पताल का मैनेजमेंट संभालने का काम कर रही है। उन्होंने फैसला किया कि वे इस हालात को बदल कर रहेंगी।
सोनिया ने उस हफ्ते के अंत में अस्पताल में एक इंवेंट रखा जहाँ पर हर एक कर्मचारी को हर मरीज पर अच्छे से ध्यान देना था। सोनिया ने सबके सामने दुनिया की सबसे अच्छी अस्पताल सेवा बनाने का सपना रखा। यहाँ उन्होंने किसी को डाँटा नहीं, बल्कि सबको यह एहसास दिलाया कि उनका इस मिशन में क्या काम है। सोनिया ने सबको समझाया कि किस तरह से वे इस सपने को हकीकत में बदलने के लिए अपना योगदान दे सकते हैं। इसके बाद हर कोई अपनी जिम्मेदारी समझने लगा था। अस्पताल का स्टाफ अब मरीजों को नियम से चेक कर रहा था और उन्हें कुछ छोटे गिफ्ट समय समय पर दे रहा था, जैसे कि फूल या केक।

अगर अच्छे लम्हों का इस्तेमाल सही से किया जाए तो इससे पूरा स्कूल सिस्टम बदला जा सकता है।

 2010 में स्टैंटन एलिमेंट्री स्कूल को वाशिंग्टन डीसी का सबसे बेकार स्कूल रेट किया गया था। कार्ली फिशरो को वहाँ का नया प्रिंसिपल चुना गया और वो वहाँ पर एक
बदलाव लाना चाहती थीं। उन्होंने नए टीचरों को काम पर रखा, क्लास की मरम्मत और साफ सफाई कराई। लेकिन जल्दी ही उन्हें एहसास हुआ कि इससे कुछ खास बदलाव नहीं हो रहा है। स्कूल की शुरुआत नए टीचर और नए क्लासरुम के साथ हुई लेकिन फिर भी बच्चे क्लास में पढ़ने के लिए नहीं आ रहे थे। लगभग 28% बच्चे क्लास में बोर होने के बाद क्लास छोड़कर चले जाते थे। स्कूल के स्टाफ को इसके पीछे की वजह नहीं समझ में आ रही थी। अंत में फिशरो को लगा कि उन्हें अब बच्चों के माता-पिता से मिलना चाहिए। उन्हें लगा कि इस तरह से वे बच्चो को अच्छे से समझा पाएंगी और स्कूल में एक अच्छा माहौल बना पाएंगी जिससे बच्चों का मन इसमें लगेगा।
सालों से माता पिता को लगता था कि स्कूल के टीचर बच्चों को अच्छे से पढ़ा नहीं पा रहे हैं और स्कूल के टीचरों को लगता था कि माता पिता अपने बच्चों को अच्छी बातें नहीं सिखा रहे हैं। इसलिए जब फिशरो पहली बार अपने स्कूल के सारे टीचर्स को लेकर बच्चों के माता-पिता से मिलने के लिए गई, तो वे स्कूल और बच्चों के घर के बीच में एक बेहतर संबंध बना सकीं। वहाँ पर उन्होंने बच्चों के माता- पिता से पूछा कि वे अपने बच्चों के लिए किस तरह का भविष्य चाहते हैं। बाद में उन्हें पता लगा कि बच्चों के माता-पिता यही चाहते थे कि स्कूल उनके साथ जुड़ने की कोशिश करे। इससे उनके बर्ताव में बदलाव आया जिनसे बच्चों की हरकतें भी सुधरी और वे क्लास करने लगे।
 तो इस तरह से आप लोगों को एक बेहतर अनुभव देकर उनके बर्ताव में बदलाव ला सकते हैं। अगर आप अपने बच्चों को बदलना चाहते हैं तो उनमें नैतिकता पैदा करने की कोशिश कीजिए।

Conclusion –

 हमारी जिन्दगी में अक्सर कुछ ऐसे पल होते हैं जो हमें काफी लम्बे समय तक याद रहते हैं और उनका असर हम पर बहुत गहराई से होता है। इन ताकतवर लम्हों की मदद से हम बच्चों को बेहतर तरीके से पढ़ा सकते हैं, ग्राहकों को खुश करते सकते हैं, खुद में अच्छी आदतें पैदा कर सकते हैं और साथ ही अपने साथियों को एक ऐसा एहसास दे सकते हैं जिसे वे सारी उम्र याद रखें।

क्या करें ?

 अपने निजी रिश्ते में एक यादगार पल बनाइए। यह करना उतना मुश्किल नहीं होगा जितना आप सोच रहे हैं। आप अपने पार्टनर से अपना प्यार जताने के लिए एक कार्ड लिख सकते हैं और उन्हें बता सकते हैं कि आप उनकी कितनी इज्जत करते हैं। यह छोटे पल ही अक्सर वो यादें बनाते हैं जो हमें सारी उम्र याद रहते हैं।
 तो दोस्तों आपको आज का हमारा यह The Power of Moments बुक समरी कैसा लगा नीचे कमेंट करके जरूर बताये और इस बुक समरी को दोस्तों के साथ share जरूर करें।

 

आपका बहुमूल्य समय देने के दिल से धन्यवाद,
 
Wish You All The Very Best.

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